लगभग 67 साल पूर्व प्रमुख हस्तियों को भारत रत्न देने की शुरूआत हुई। चर्चा है कि अब तक 48 विभूतियों सहित पहली बार 1954 में आजाद भारत के पहले गर्वनर जनरल सी राजगोपालाचारी, वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमण और सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को यह सम्मान दिया गया था। बीते नौ साल के भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल में दिवंगत मुखर्जी हजारिका, और देशमुख से पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 2015 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पंडित मदन मोहन मालवीय को यह सम्मान दियागया। इसके चार साल बाद लोकसभा चुनाव से कुछ माह बाद तीन हस्तियों को यह सम्मान देने की घोषणा की गई। इस बार सूत्रों के अनुसार जल्दी ही यह पुरस्कार तीन हस्तियों को और दिया जा सकता है। अभी तक इन हस्तियों के नाम तो सामने नहीं आए हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री जी स्वतंत्रता दिवस से पहले यह सर्वोच्च सम्मान देने के लिए सिफारिश भेज सकते है। कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि 2014 में यह पुरस्कार नेताजी सुभाष चंद्र बोस को देने की चर्चा चली थी जिसका उनके परिजनों द्वारा इसका विरोध किया गया था। इस बार उन्हें मनाने की कोशिश कर नेताजी को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जा सकता है।
मेरा मानना है कि यह सम्मान रेवड़ियों की तरह तो नहीं बांटा जा सकता लेकिन पिछले कुछ दशक में जो परिस्थतियां सामने आई और उनमें निखरकर कुछ विभूतियों ने हर अच्छे मामले में ख्याति प्राप्त की उन्हें भी यह सम्मान दिया जाना चाहिए। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह है कि अन्यों के साथ ही इस बार यह सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न गरीब और मजदूरों तथा किसानों के उत्थान के लिए जीवन भर कार्य करते रहे स्व. चौधरी चरण सिंह जी तथा शोषित दलितों व जरूरतमंदों को उनका हक दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करने वाले मान्यवर कांशीराम जी को और देशभर क्या दुनिया में फिल्मों के प्रशंसकों के चहेते महानायक अमिताथ बच्चन साहब को यह पुरस्कार दिया जाए। इसके लिए भले ही तीन हस्तियों की जगह माननीय प्रधानमंत्री जी को पांच या छह विभूतियों के नाम की सिफारिश करें लेकिन जनभावना को ध्यान में रखते हुए चौधरी चरण सिंह व मान्यवर कांशीराम को मरणोपरांत व अमिताभ बच्चन को वर्तमान में यह सम्मान दिया जाना चाहिए। क्योंकि अगर ध्यान से देखें तो शुरूआत से अमिताभ की फिल्मों में समाजहित का संदेश अथवा युवाओं को प्रेरणा मिलती रही और पिछले 22 साल से सोनी टीवी पर आने वाले कार्यक्रम कौन बनेगा करोड़पति से जो संदेश उनके द्वारा छोटे बच्चोें से लेकर नौजवान व बुजुर्गों तथा माता बहनों को दिया जा रहा है। और आम आदमी को भी अनकहे रूप में यह समझाया गया है कि सफलता किसी के बाप की गुलाम नहीं है। आप में अपनी बात कहने का जज्बा होना चाहिए और सबसे बड़ी बात जो इसके माध्यम से समझाई गई है वो यह है कि अब राजा का बेटा ही राजा नहीं और गरीब और मजदूर का बेटा भी अपनी लगन से राजा बन सकता है। समाज को एक अच्छी सीख देने में अमिताभ बच्चन सफल रहे हैं। इसलिए मेरा विनम्र अनुरोध है कि इन तीनों शख्सियतों ने जरूतमंदों और समाज के लिए बहुत कुछ किया है। उन्हें इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा ही जाना चाहिए।
– रवि कुमार बिश्नोई
संस्थापक – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय समाज सेवी संगठन आरकेबी फांउडेशन के संस्थापक
सम्पादक दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
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