कयामत की ‘घड़ी’ 10 सेकंड और करीब आई, सिर्फ 90 सेकंड में तबाह हो जाएगी दुनिया!

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वाशिंगटन. दुनिया प्रलय के और करीब पहुंच गई है। परमाणु वैज्ञानिकों ने दुनिया में तबाही का संकेत देने वाली डूम्सडे क्लॉक में 10 सेकंड कम कर इसके संकेत भी दे दिए हैं। तीन साल में ऐसा पहली बार किया गया है। इससे पहले कयामत का समय रात 12 बजे से सिर्फ 100 सेकंड दूर था। अब यह 90 सेकंड रह गया है।
बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (बीएएस) ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, कोरोना महामारी, जलवायु संकट और जैविक खतरे को इसके लिए जिम्मेदार माना है। वैज्ञानिका का मानना है डूम्सडे क्लॉक कभी भी तबाही के इतनी ज्यादा करीब नहीं पहुंची है। बीएएस की इस घड़ी में आधी रात 12 बजने का मतलब है कि दुनिया समाप्त हो जाएगी और आधी रात होने में जितना कम समय रहेगा दुनिया में परमाणु युद्ध होने का खतरा उतना ज्यादा होगा।

प्रलय का समय बताने वाली इस घड़ी में समय का निर्धारण बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट संगठन करता है। डूम्सडे क्लॉक एक सांकेतिक घड़ी है, जो महामारी, परमाणु और जलवायु संकट के कारण वैश्विक तबाही की आशंका को दर्शाती है। इसके जरिए बताया गया है कि दुनिया अपने खात्मे के कितने करीब है। 2023 में डूम्सडे क्लॉक के वक्त को आधी रात में 90 सेकंड पर निर्धारित कर दिया।

डूम्से क्लॉक में आधी रात यानी रात के 12 बजे विनाश के सैद्धांतिक बिंदु को चिह्नित करते हैं। किसी विशेष समय पर वैज्ञानिकों के खतरों को भांपने के आधार पर घड़ी की सुइयां एक-दूसरे के करीब या दूर चली जाती हैं।

डूम्से क्लॉक का नया समय एक ऐसी दुनिया को दर्शाता है जिसमें यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से परमाणु युद्ध की आशंकाओं के बादल फिर से मंडराने लगे हैं। बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहेल ब्रोंसन ने कहा कि परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए रूस की परोक्ष धमकियां विश्व को याद दिलाती हैं कि दुर्घटना, इरादे या गलत अनुमान से संघर्ष का बढ़ना एक भयानक जोखिम है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह युद्ध हर किसी के नियंत्रण से बाहर हो सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए बुलेटिन की इस घोषणा को पहली बार अंग्रेजी से यूक्रेनी और रूसी भाषा में अनुवाद किया जाएगा।

डूम्से क्लॉक को 1947 में अल्बर्ट आइंस्टीन सहित परमाणु वैज्ञानिकों के एक समूह ने बनाया था। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुनिया के पहले परमाणु हथियार विकसित करने के लिए मैनहट्टन प्रोजेक्ट पर कार्य किया था। यह घड़ी एक तरह का सांकेतिक प्रतीक है, जो बताती है कि दुनिया विनाश के कितने करीब पहुंच चुकी है।

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