नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ में चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है. महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न समेत कई अन्य आरोप लगाने वाले पहलवानों ने क्रोएशिया में होने वाले जाग्रेब ओपन से नाम वापस ले लिया है. पहलवानों का कहना है कि वे इस इवेंट में भाग लेने के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं, इसलिए वे उसमें प्रतिभाग नहीं कर सकते. विरोध कर रहे पहलवानों के इनकार के बाद एमसी मैरीकॉम की अगुवाई वाली महासंघ की निगरानी कमेटी ने 36 खिलाड़ियों की टीम की विदेश जाने की घोषणा कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक जिन पहलवानों ने इस टूर्नामेंट से अपने नाम वापस लिए हैं. उनमें अंशु मलिक (57 किग्रा), सरिता मोर (59 किग्रा) और जितेंद्र किन्हा (79 किग्रा), टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया (57 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता दीपक पूनिया (86 किग्रा), बजरंग पूनिया (65 किग्रा), उनकी पत्नी संगीता फोगाट (62 किग्रा) और विनेश फोगाट (53 किग्रा) शामिल हैं. इन पहलवानों का कहना है कि तैयारी न होने की वजह से वे इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकते. वहीं अंजू चोट के कारण इस टूर्नामेंट से हट गई हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक जिन पहलवानों ने क्रोएशिया जाने से इनकार किया है, उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर दिए अपने धरने में कहा था कि जब तक भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को भंग कर इसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर कार्रवाई नहीं की जाती है, वे किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे. उनके इस इनकार के बाद एम सी मैरीकॉम की अध्यक्षता वाली महासंघ की निगरानी कमेटी ने क्रोएशिया जाने के लिए 36 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी है. यह टीम क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब में 1 से 5 फरवरी तक होने वाली UWW रैंकिंग सीरीज इवेंट में भाग लेगी.
बताते चलें कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों के आरोप के बाद खेल मंत्रालय ने 5 सदस्यीय निगरानी कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी एक महीने में जांच पूरी करके खेल मंत्रालय को देगी. तब तक महासंघ के दिन-प्रतिदिन के कामकाज और टीम की घोषणा भी यही कमेटी करेगी. इस कमेटी का अध्यक्ष जानी-मानी बॉक्सर एमसी मैरीकॉम, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन, पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुरगुंडे और SAI की पूर्व कार्यकारी निदेशक (खेल) राधिका श्रीमन को शामिल किया गया है. कमेटी के गठन के तुरंत बाद विद्रोही पहलवानों ने इस पर नाराजगी जताई थी.