बरेली. पराग फैक्ट्री के पेड़े जल्द प्रदेश भर में रोडवेज व रेलवे स्टेशनों पर विकते नज़र आएँगे। इस सम्बंध में प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने रणनीति तैयार की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त वस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर पराग के काउंटर्स स्थापित किए जाएँगे जहाँ यात्रियों को शुद्ध व स्वादिष्ट पेड़े उपलब्ध हो सकेंगे। इससे न केवल पराग के उत्पादों की विक्री बढ़ेगी।
श्री सिंह ने इस योजना के सम्बंध में रेलवे व परिवहन विभाग के आला अफसरों व शासन को पत्र भेजा है। पराग के उत्पाद अन्य कंपनियों के मकावले काफी सेहतमंद है। यहाँ के बने पेड़े लोगों के स्वास्थ्य को क़तई नुकसान नहीं पहुंचाते है। प्रदेश के रेलवे, वस स्टेशन व अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इसकी विक्री की जाएगी। इस सम्बन्ध में उनके द्वारा डीआरएम रेलवे व प्रबंधक रोडवेज को पत्र भेज अवगत कराया जाएगा। वैसे तो प्रत्येक इलाके के पेड़े अपने खास स्वाद, सामग्री और गण के आधार पर स्थानीय लोगों में मशहूर है, लेकिन लंबे समय तक चलने वाला और अपने लजीज स्वाद के लिए पराग जैसा हल्का मीठा पेड़ा कहीं नहीं मिलता है। पराग के अधिकारियों की मानें तो सबसे पहले दूध को उबालकर उसका मावा बनाते है। अच्छे से ठंडा हो जाने को वाद उसमें शक्कर, इलायची और केसर डालकर उसे भूना जाता है। फिर मशीन से आकर देकर उसे पेड़े का रूप दिया जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग एक से डेढ़ घंटा लगता है।