टेक्सास. अमेरिका के टेक्सास से कैंसर ट्रीटमेंट का अनोखा मामला सामने आया है। यहां 61 साल की एप्रिल बॉडर्यू को लंग कैंसर से मात्र एक दिन में छुटकारा मिल गया। डॉक्टर्स ने उनके फेफड़ों में ट्यूमर को पहचानकर कुछ घंटों में ही निकाल दिया। खास बात ये है कि मरीज को पता ही नहीं चला कि उसे कैंसर है। बेहोशी के दौरान उसका टेस्ट किया गया। जब डॉक्टर्स को पता चला कि उसे कैंसर है तो उन्होंने ऑपरेशन कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, एप्रिल रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गई थीं। सीटी स्कैन में उनके दाएं फेफड़े में एक गांठ दिखाई दी। इसके बाद डॉक्टर्स ने कैंसर से जुड़े कई टेस्ट किए। इनमें सामने आया कि एप्रिल को अर्ली स्टेज लंग कैंसर है। चूंकि उस वक्त तक एप्रिल को जांच के लिए एनेस्थीसिया दिया जा चुका था, इसलिए डॉक्टर्स को लगा कि ट्यूमर को निकालने का यह अच्छा मौका है। उन्होंने एक रोबोटिक डिवाइस की मदद से तुरंत एप्रिल का ऑपरेशन किया। वे सर्जरी में छोटे से ट्यूमर को निकालने में कामयाब रहे। इसके तीन दिन बाद एप्रिल स्वस्थ होकर घर चली गईं।
एप्रिल ने बताया- मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह सच है। इलाज बिना कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के बड़ी आसानी से हो गया। दरअसल, एप्रिल जांच से लेकर इलाज तक पूरी तरह बेहोश थीं। सर्जरी महज कुछ घंटों में हो गई, इसलिए उन्हें पता ही नहीं चल सका कि वे लंग कैंसर से पीड़ित थीं। इससे पहले वे 1984 और 1985 में लिंफोमा कैंसर और 2002 में ब्रेस्ट कैंसर से जूझ चुकी हैं।
टेक्सास हेल्थ हैरिस मेथोडिस्ट हॉस्पिटल में सर्जन डॉ. रिचर्ड विगनेस ने बताया कि रोबोटिक डिवाइस की मदद से एप्रिल को सर्जरी में केवल पांच चीरे लगे। इसमें ही कैंसर वाले टिशू को शरीर से निकाल लिया गया। यह उस नॉर्मल ऑपरेशन से काफी सरल है, जिसमें बड़े चीरे लगाए जाते हैं। ऐसे में मरीज भी ज्यादा वक्त तक ऑपरेशन के ट्रॉमा से गुजरता है। हम नई टेक्नोलॉजी अपनाने वाले टेक्सास के पहले अस्पताल हैं।
लंग कैंसर दुनियाभर में दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है। पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर पहले नंबर पर हैं। यह आमतौर पर 45 साल से ज्यादा के लोगों को प्रभावित करता है। इससे पीड़ित होने वाले लोगों की औसत उम्र 70 होती है।
विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार, लंग कैंसर दुनिया का सबसे जानलेवा कैंसर है। इससे हर साल 25% मरीजों की मौत होती है।