रांची. केंद्र सरकार पूरे देश में ढांचागत बदलाव को लेकर एक तरह से अभियान चला रही है. इसी कड़ी में झारखंड में दो नए एक्सप्रेसवे के निर्माण कराए जाएंगे. यह भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत होगा. पहला ओडिशा के संबलपुर से रांची तक एक्सप्रेसवे बनेगा. इसकी कुल लंबाई 146.2 किलोमीटर है. दूसरा छत्तीसगढ़ के रायपुर से गुमला-रांची होते हुए धनबाद तक सड़क बनाने की योजना है. इसके तहत ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक की एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है. इसकी लंबाई करीब 700 किलोमीटर होगी. इसके अतिरिक्त एक रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे भी है जो बिहार से चलकर झारखंड में प्रवेश कर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक जाएगा.
भारत सरकार द्वारा जारी जानकारी के हवाले से प्रकाशित विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार झारखंड की कनेक्टिविटी को नया आयाम देने वाली ये सड़क परियोजनाएं ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के रूप में तैयार होंगी. इसके तहत फोर लेन सड़कें बनेंगी, जो खेतों-खलिहानों से गुजरेंगी. इस सड़क में कम से कम घुमावदार मोड़ होंगे. संबलपुर से रांची तक की ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट की लंबाई 146.2 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेसवे ओड़िशा के लिट्टीबेड़ा में यह सड़क शुरू होगी जो झारखंड के खूंटी जिला होते हुए रांची के आउटर रिंग रोड में आकर मिलेगी. सड़क में घुमाव कम हो इसके लिए खेतों से होते हुए नई सड़क निकाली जाएगी. इस सड़क को फोर और छह लेन बनाने की योजना है.
रायपुर से धनबाद वाया रांची
भारत सरकार के भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से गुमला-रांची होते हुए धनबाद तक बनने वाली सड़क योजना के अंतर्गत ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक की सड़क योजना को ग्रीन फील्ड में शामिल किया जा रहा है. यानी यह सड़क पूरी तरह से नयी होगी. ओरमांझी से गोला होते हुए बोकारो तक के लिए जाने वाली फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य दो चरणों में किया जाएगा. पहले फेज में ओरमांझी से गोला और दूसरे चरण में गोला से बोकारो तक सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस सड़क में गोला के पहले एक टॉल प्लाजा का निर्माण कराया जाएगा.
गोला में बनेगा रेल ओवरब्रिज
तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 33 ( एनएच 33) पर ओरमांझी से सिकिदिरी होते हुए गोला तक निकाला जाएगा. फिर गोला से बोकारो तक सड़क बनेगी. ओरमांझी से बोकारो तक 60 किलोमीटर की यह सड़क बिल्कुल नई सड़क होगी. इस सड़क में ओरमांझी से गोला के बीच 27.8 किलोमीटर की दूरी है. इसमें एक बड़ा पुल का निर्माण किया जाएगा. गोला से पहले एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाएगा. इसके अलावा इस सड़क में सात पुल और 24 अंडरपास बनाए जाएंगे.
ओरमांझी से बोकारो के बीच 12 अंडरपास
ओरमांझी से गोला के बीच में 12 और गोला से बोकारो के बीच में 12 अंडर पास बनाएं जाएंगे. गोला से बोकारो के बीच आठ ओवर पास बनेंगे. गोला से बोकारो के बीच पांच मध्यम साइज के पुल भी बनेंगे. पूरी सड़क पर 139 कलवर्ट का निर्माण कराया जाएगा. दरअसल यह प्रयास हो रहा है कि नया एक्सप्रेस-वे बेहतर बने तथा यह वर्तमान सड़कों का यह बढ़िया विकल्प हो. लगभग पांच हजार करोड़ की लागत से बननेवाले ये दो एक्सप्रेसवे झारखंड के विकास को और नई गति देंगे. कोलकाता मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर जैसे महानगरों और व्यावसायिक-औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर, पारादीप, संबलपुर सहित कई शहरों से रांची एवं राज्य के कई शहरों की दूरी कम हो जाएगी. रांची से कोलकाता के बीच की दूरी लगभग 120 किलोमीटर कम हो जाएगी.
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगी रांची
झारखंड को तीसरा एक्सप्रेसवे भी मिल रहा है. यह बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक जाएगा. जून 2022 में इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ बिहार बल्कि झारखंड के भी कुछ इलाकों को विकास की रफ्तार में ले आएगा. जो जानकारी सामने आई है इसके अनुसार इस एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट के रक्सौल से दिघवारा आकर प्रस्तावित पटना रिंग रोड में जुड़कर कच्ची दरगाह-बिदुपुर से होकर पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे में जुड़ेंगे. फिर बांका होते हुए सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट तक होगा.
6 से 8 लेन का होगा एक्सप्रेसवे
नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे छह से आठ लेन का होगा. यह करीब 695 किमी लंबा होगा, जिसके निर्माण पर 54 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके निर्माण को पूरा करने की समयसीमा वर्ष 2024-25 है. रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा और इसमें बीच में नहीं चढ़ा जा सकेगा. यह बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगा. इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं. इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट चला जाएगा.