चारधाम राजमार्ग परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उत्तराखंड में सामरिक रूप से अहम चारधाम राजमार्ग परियोजना के तहत बन रही सड़कों को दो लेन तक चौड़ी करने की मंजूरी दे दी।

इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि हाल के समय में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम सेठ की पीठ ने कहा कि अदालत न्यायिक समीक्षा में सशस्त्र बलों की अवसंरचना की जरूरत का अनुमान नहीं लगा सकती।

पीठ ने इसके साथ कहा कि वह निगरानी के लिए न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एके सीकरी की अध्यक्षता में समिति गठित कर रही है, जो सीधे न्यायालय को परियोजना के संदर्भ में रिपोर्ट देगी। पीठ ने फैसले में स्पष्ट किया कि निगरानी समिति नए पर्यावरण आकलन पर विचार नहीं करेगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।

न्यायालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय की अर्जी में कुछ भी दुर्भावनापूर्ण नहीं था। यह आरोप साबित नहीं हुआ कि इस आवेदन में मामले को प्रभावित करने या पिछले आदेश को बदलने की कोशिश की गई है।

पीठ ने कहा कि सरकार की विशेषज्ञता प्राप्त निकाय रक्षा मंत्रालय सशस्त्र बलों की परिचालन जरूरतों को लेकर फैसला करने के लिए अधिकृत है, जिनमें जवानों की आवाजाही की सुविधा के लिए अवसंरचना जरूरत भी शामिल है।

शीर्ष अदालत आठ सितंबर, 2020 के आदेश में संशोधन का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना को लेकर जारी 2018 के परिपत्र में निर्धारित सड़क की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने को कहा गया था।

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