शादी को यादगार बनाने के लिए वकील ने अपने वेडिंग कार्ड पर छपवाईं कानूनी धाराएं

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नई दिल्ली. अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। कोई डेस्टिनेशन वेडिंग प्लान करता है तो कोई आसमान में उड़ते गुब्बारे में शादी रचा डालता है। वहीं कोई गहरे पानी में सात फेरे लेने का प्लान बनाता है। लेकिन असम के वकील ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए अपना इन्विटेशन कार्ड ही अलग स्टाइल में छपवा डाला।

नोटिस ऑफ वेडिंग रिसेप्शन
इस वकील ने अपने शादी का कार्ड कोर्ट की थीम पर छपवाया है। शुरुआत बेहद रोचक अंदाज में हुई है, जहां लिखा है, ‘नोटिस ऑफ वेडिंग रिसेप्शन’ कार्ड पर बाकायदा कानून का तराजू भी अंकित है और इस तराजू के दोनों पलड़ों में दूल्हा और दुल्हन के नाम लिखे हुए हैं। दूल्हा-दुल्हन के नाम के ठीक नीचे भारतीय विवाहों को नियंत्रित करने वाले कानूनों और अधिकारों का भी उल्लेख है। अंग्रेजी में छपे कार्ड में लिखा है कि विवाह का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक घटक है। इसलिए, यह मेरे लिए इस मौलिक अधिकार का उपयोग करने का समय रविवार 28 नवंबर 2021 को है। आगे आर्टिकल 19 आई बी के तहत सभी को बिना किसी हथियार के एकत्रित होने के अधिकार का हवाला दिया गया है।

वकील नियम-शर्तों को स्वीकार करते हैं
कार्ड के दूसरे पेज पर भी वर पक्ष और कन्या पक्ष का नाम लिखने के बाद हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत नियमों का उल्लेख है। सिर्फ इतना ही नहीं, जहां पर इन्विटेशन कार्ड का समापन हो रहा है वहां लिखा है कि जब वकीलों की शादी होती है, तो वे हां नहीं कहते हैं। वे कहते हैं, हम नियम और शर्तों को स्वीकार करते हैं। यह वेडिंग कार्ड सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। लोग इसको लेकर तरह-तरह के ट्वीट्स कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने बहुत ही मजेदार कमेंट्स भी किए हैं।

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