नई दिल्ली. कोरोना को दुनिया में आए डेढ़ साल से भी अधिक का समय बीत चुका है और इस दौरान इस वायरस ने करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया, लाखों लोगों की जान ली। संक्रमण के डर से महीनों तक लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे और इसका भी असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है। खासकर महिलाओं की सेहत। कोरोना काल में अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही से महिलाओं के हार्मोन असंतुलित हुए हैं, जिससे उनमें मोटापा बढ़ रहा है। इसके अलावा महिलाओं में लिवर संबंधी दिक्कतें, सांस फूलने, उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) और शुगर लेवल बढ़ने की भी समस्या पैदा हुई है। इसे मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल में महिलाओं के शरीर का रेग्यूलेटरी सिस्टम काफी प्रभावित हुआ है, जिससे वे मेटाबॉलिज्म संबंधी तरह-तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में हार्मोनल इनबैलेंस यानी हार्मोन असंतुलित होने की वजह से मेनोपॉज, डिप्रेशन, थायराइड, जोड़ों में दर्द, आदि की समस्या भी बढ़ी है। इसके अलावा उनकी आंखें भी कमजोर हो रही हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है लगातार कई घंटों तक टीवी देखना या मोबाइल चलाना और लैपटॉप पर काम करना।
महिलाओं में इस वक्त सबसे बड़ी समस्या मोटापा और वजन बढ़ने की है। विशेषज्ञ हमेशा से ये कहते आए हैं कि अच्छी सेहत के लिए लोगों को अपने वजन पर नियंत्रण रखने की जरूरत होती है और इसके लिए स्वस्थ और नियंत्रित खानपान बहुत आवश्यक है।
आज के समय में लोग यह समझ कर जरूरत से ज्यादा खाना खा ले रहे हैं कि करना ही क्या है, घर पर ही तो रहना है। यही आदत दिक्कतें पैदा कर रही है। इसलिए विशेषज्ञ कहते हैं कि हमेशा संतुलित मात्रा में ही खाना खाएं, चाहे आप घर पर हों या बाहर हों। इसके अलावा जल्दी-जल्दी खाने की आदत भी सुधारें, क्योंकि इससे भोजन में पाए जाने वाले पोषक तत्व सही तरीके से शरीर में नहीं पहुंच पाते हैं।
महिलाओं के लिए यह सबसे जरूरी है कि वे घर के कामों के अलावा व्यायाम और योग आदि पर भी ध्यान दें। दरअसल, मेटाबॉलिज्म को नियंत्रण में रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा पर्याप्त नींद लेना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी है। तनाव बिल्कुल न लें, क्योंकि तनाव से कम नींद आती है, अधिक भूख लगती है और ऐसे में वजन बढ़ने जैसी परेशानी पैदा हो जाती है।