नई दिल्ली 6 फरवरी। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है. एक बार हो जाने के बाद आप डाइट और दवाओं के जरिए इसे कंट्रोल जरूर कर सकते हैं लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते. साथ ही डायबिटीज की वजह से भी कई और बीमारियां जैसे- किडनी डैमेज, आंखों को नुकसान, हृदय रोग आदि होने का भी खतरा रहता है. डायबिटीज की बीमारी शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है और इसमें स्किन भी शामिल है. जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसके कुछ संकेत स्किन पर भी दिखने लगते हैं.
खून में इंसुलिन बढ़ने का संकेत हैं स्किन की ये समस्याएं
वैसे तो शरीर में बनने वाला ब्लड शुगर यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है. लेकिन जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो व्यक्ति को बार-बार पेशाब आती है जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन और ड्राई स्किन की समस्या हो जाती है. लेकिन डायबिटीज की बीमारी डायग्नोज होने से पहले ही स्किन में कुछ संकेत नजर आने लगते हैं जो खून में ब्लड शुगर या इंसुलिन का स्तर बढ़ने का संकेत देते हैं. इस स्थिति को प्री-डायबिटीज कहते हैं. अगर आपने सही समय पर इन संकेतों की पहचान कर ली तो हो सकता है कि आप डायबिटीक होने से बच जाएं.
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
1. त्वचा में डार्क पैच होना- अगर आपको गर्दन पर, अंडरआर्म्स में, ग्रोइन में (पेट और जांघ के बीच का हिस्सा) या शरीर के अन्य किसी भी हिस्से में त्वचा का रंग डार्क पैच की तरह नजर आए और छूने पर यह वेल्वेट जैसा महसूस हो तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत है. इस समस्या को मेडिकल टर्म में एकैनथोसिस निग्रीकैन्स कहते हैं और त्वचा में यह बदलाव इस बात का संकेत है कि आपके खून में इंसुलिन की मात्रा अधिक है. डायबिटीज से पीड़ित 75 प्रतिशत लोगों में यह समस्या नजर आती है.
2. स्किन पर लाल, पीले या भूरे धब्बे होना- अगर आपको स्किन में बहुत अधिक खुजली हो रही है, दर्द हो रहा है और त्वचा पर उभरे हुए पिंपल्स नजर आ रहे हैं जो समय के साथ पीले, लाल या भूरे रंग के धब्बे जैसे बन जाते हैं तो यह भी प्री-डायबिटीज का संकेत है. स्किन से जुड़ी इस समस्या को नेक्रोबायोसिस लिपोडिका कहते हैं. डायबिटीज की जांच करवाएं और स्किन से जुड़ी इस समस्या के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें.
3. स्किन टैग- कई बार स्किन पर त्वचा के रंग के ही कुछ ग्रोथ उभर आते हैं जो स्किन से चिपकर लटके रहते हैं इन्हें स्किन टैग्स कहते हैं. स्किन टैग की ये समस्या भी हाई ब्लड शुगर लेवल का एक संकेत है और करीब डायबिटीज से पीड़ित 25 प्रतिशत लोगों में स्किन टैग की दिक्कत देखने को मिलती है. सामान्यतः ये स्किन टैग्स आंखों की पलकों पर, अंडरआर्म्स में, गर्दन पर या ग्रोइन के फोल्ड्स वाले हिस्से में होते हैं.
4. घाव का ठीक न होना- अगर किसी व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का लेवल लंबे समय तक बहुत अधिक बना रहे तो इसकी वजह से नसों को नुकसान पहुंच सकता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी दिक्कत आती है. नर्व डैमेज की वजह से शरीर के लिए स्किन पर हुए किसी घाव को ठीक करना संभव नहीं हो पाता. खासकर पैर में हुआ कोई घाव. इस समस्या को डायबिटीक अल्सर कहते हैं. अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.