नई दिल्ली 21 फरवरी। यह सच है कि किसी का भी वक्त कभी भी पलट सकता है. राजा कभी भी रंक बन सकता है और रंक कभी भी राजा.. अब तक आपने फिल्मों में ही राजाओं की बर्बादी की कहानी देखी होगी लेकिन हाल ही में जर्मनी में एक ऐसा वाकया हुआ है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. जर्मनी के हनोवर शहर के राजा अर्नस्ट ऑगस्ट की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है.
तबाह हो गई जर्मनी के राजा की जिंदगी
रोटी, कपड़ा और मकान की बेसिक जरूरतें पूरी करने के बाद इंसान अपनी जिंदगी के अन्य खर्चों पर फोकस करता है. सभी चाहते हैं कि उनका अपना घर हो, जहां वे चैन-सुकून से रह सकें. जर्मनी के राजा अर्नस्ट ऑगस्ट अपने महल में ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे थे. फिर साल 2000 में उन्होंने अपने पुश्तैनी महल, मैरीनबर्ग को अपने बेटे अर्नस्ट ऑगस्ट जूनियर को सौंप दिया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, अर्नस्ट ऑगस्ट ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ के दूर के रिश्ते के भाई भी हैं.
बेटे की सनक ने किया मजबूर
अर्नस्ट ऑगस्ट के बेटे ने 135 कमरों का अरबों का महल सिर्फ 1 यूरो यानी 87 रुपये में वहां की सरकार को बेच दिया है. बेटे की इस सनक के कारण पिता दूसरे देश में एक लॉज में किराये पर रहने को मजबूर है. अर्नस्ट ऑगस्ट ने सोचा था कि उनके बाद उनका बेटा इस महल की देख-रेख करेगा लेकिन हुआ बिल्कुल उल्टा. इस खबर ने अर्नस्ट ऑगस्ट को सकते में डाल दिया है और उन्होंने अपने ही बेटे पर केस कर दिया है.
कानूनी कार्रवाई से हासिल कर सकते हैं महल
अर्नस्ट ऑगस्ट के मुताबिक, उनके पुश्तैनी महल को उनकी इजाजत के बगैर बेचा नहीं जा सकता है. उसे वापस पाने के लिए उन्होंने कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है. वहीं, अर्नस्ट ऑगस्ट जूनियर ने भी इस मामले पर अपनी सफाई पेश कर दी है. उसका कहना है कि वह महल इतना बेकार हो चुका था कि उसके रेनोवेशन पर ही करोड़ों रुपये लग रहे थे और इसीलिए अब सरकार को ही इस महल का रेनोवेशन करवाना चाहिए.