नई दिल्ली। सीवर व घरों के बाथरुम में लंबे समय तक कोरोना सक्रिय रहता है। अब भारतीय वैज्ञानिकों ने अस्पतालों में भी वायरस के लंबे समय तक जीवित रहने का पता लगाया है। हैदराबाद स्थित सीसीएमबी सहित देश के कई शोध संस्थानों ने मिलकर अध्ययन किया है जिसके मुताबिक अस्पतालों के कोरोना वार्ड में वायरस कई घंटों तक जीवित रहा सकता है। यहां वायरस की मौजूदगी हवा में भी देखने को मिली है। पता चला है कि सामान्य वॉर्डों के मुकाबले कोविड वॉर्ड की हवा में कोरोना के कण मौजूद हैं। ब्यूरो हैदराबाद और चेन्नई के अस्पतालों में हुई जांच हैदराबाद और चेन्नई के तीन-तीन अस्पतालों में एयर सैंपलर की मदद से वायरस के कण इकट्ठे किए और फिर आरटी पीसीआर जांच के जरिए कोरोना का पता लगाया। अध्ययन के मुताबिक जब कोविड मरीज लंबे समय तक एक कमरे में रहते हैं तो वायरस भी कम से कम दो घंटे तक वहां हवा में रहता है। वायरस बिना लक्षण वाले मरीजों से तब तक नहीं फैलता जब तक एसी या पंखे से हवा न फैले।