बागपत। गैर हिन्दुत्व और कथित सेकुलर गैंग के विरुद्ध शब्दरूपी अग्निबाण छोड़ने वाली भाजपा की फायरब्रान्ड़ नेत्री साध्वी ड़ॉ. प्राची आर्या ने अयोध्या में विवादित ढांचे के ६ दिसम्बर‚ १९९२ को ध्वस्त तथा आगामी ५ अगस्त को होने वाले भगवान श्रीराम मन्दिर निर्माण कार्य शुभारंभ को ५०० वर्षों से अधिक समय से चले आ रहे आन्दोलन और बलिदान का परिणाम बताया। ॥ उन्होंने सेकुलर गैंग द्वारा शुरू किए गए आपसी भाईचारे के अभियान को राजनीतिक स्वांग की संज्ञा दी और कहा कि देश की जनता तो तब मानेगी जब कथित सेकुलर गैंग श्रीराम भक्तों के साथ कुदाल लेकर मथुरा व काशी के लिए कूच करे। साध्वी ने जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के मंदिर मुहूर्त संबंधी बयान को हास्यस्पद बताते हुए कहा कि स्वामी जी केवल मन्दिर निर्माण कार्य को शुभ अशुभ न बताएं‚ वो केवल राहुल के विवाह का मुहूर्त निकालें जिससे उनका घर बस जाए। उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत की तहसील अन्तर्गत मूल रूप से सिरसली गांव की निवासी विहिप एवं दुर्गा वाहिनी की केंद्रीय मार्गदर्शक भाजपा की फायरब्रान्ड़ नेत्री साध्वी ड़ॉ. प्राची आर्या ने कहा कि अब कुछ कथित सेकुलर गैंग के लोग माता कौशल्या के मायके छत्तीसगढ़ø से मिट्टी लाकर आपसी भाईचारे का हवाला देकर निर्माण कार्य में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। अच्छा तो यह होता कि मिट्टी की जगह धर्म परिवर्तन कर भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाते हुए हिन्दू धर्म में शामिल होते। अगर कथित सेकुलर गैंग आपसी भाईचारे की मिशाल बनना चाहते हैं तो मथुरा व काशी में मन्दिरों की भूमि को मुक्त कराने के लिए श्रीराम भक्तों के साथ मथुरा और काशी के लिए कुदाल के साथ कूच करें क्योंकि श्रीराम भक्तों का लIय अब मथुरा व काशी होगा। ॥ साध्वी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मन्दिर में भी श्रीजगन्नाथ पुरी मन्दिर की तरह गैर हिन्दुओं के प्रवेश को वर्जित किया जाए। उन्होंने ६ दिसम्बर‚ १९९२ की घटना को स्मरण करते हुए कहा कि मैं अपनी माता‚ बहन प्रतिभा आर्या भाई सहित तथा ५० से अधिक कार सेवकों को बागपत से ले जाकर विवादित ढांचे को ध्वस्त करने अयोध्या पहुंची थीं। इसी दौरान कोठारी बन्धु राम व शरद कोठारी दोनों सगे भाई सहित हजारों कार सेवक शहीद हुए थे। उन्होंने कहा हालांकिमुझे इस बात का मलाल है कि आगामी ५ अगस्त के कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित नहीं किया गया‚ जबकि ऐसे लोगों को बुलाया जा रहा है‚ जिनका श्रीराम लला अयोध्या मन्दिर से कोई वास्ता नहीं है। किसी शायर ने सच ही कहा है कि ‘वक्त गुलशन पर पड़े तो लहु हमने दिया‚ बहार आई तो तुम्हारा काम क्या है।