दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनावों को जीतने और सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी, कांगे्रेस और आप पार्टी में होड़ लगी हुई है तो बसपा ने भी बड़ी तादात में यहां अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वैसे तो हर चुनाव में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना आम बात हो गई है लेकिन जिस प्रकार से भाजपा के कुछ नेता निरंकुश होकर बेलगाम हो रहे हैं। उन पर पार्टी के अनुशासन और गरिमा को ध्यान में रखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा को इनके ज्यादा बोलने पर लगाम लगानी होगी। क्योंकि भाजपा फिलहाल केंद्र में सरकार चला रही है। दिल्ली पुलिस उसी के अंडर काम करती है ऐसे में भाजपा के मंत्री का कथन को लेकर हिंसा की संभावनाएं बन सकती है।
बताते चलें कि केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान नारे लगवाए गए कि गोली मारो गददारों को और नागरिकता कानून को लेकर शाहीन बाग में चल रहे धरने पर टिप्पणी करते हुए भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा का यह कथन कि दिल्ली में घुस आएंगे यह लोग बेटियों को उठाएंगे दुष्कर्म करेंगे और मार देंगे किसी भी संदर्भ में दिया गया हो मगर उसे ठीक नहीं कहा जा सकता क्योंकि विरोधियों को भी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का मौका मिलेगा जिसे सही नहीं कहा जा सकता।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मेैहर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा नागरिकता कानून को लेकर अपनी ही पार्टी भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इससे सर्वधर्म सदभाव की भावना को धक्का लगेगा और गृहक्लह बढ़ेगी। विरोधी तो इसके खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं ही। ऐसे में अगर भाजपा के विधायक किसी भी कारण से बगावती तेवर अपनाकर सीएए के खिलाफ बोलेंगे तो यह नियम भी कठघरे में खड़ा हो सकता है।
जेपी नडडा साहब भविष्य में होने वाले चुनावों और पार्टी में अनुशासन बनाने के लिए मुझे लगता है कि चुनाव आयोग कांग्रेस की शिकायत पर जो कार्रवाई करेंगा वो अलग बात है आप खुद ही अपने इन बड़बोले सांसद, मंत्री और विधायकों के खिलाफ अनुशासनहीनता में कार्रवाई करिए। क्योंकि ऐसी बातों से देश का माहौल अच्छा नहीं होगा। यह बात विश्वास के साथ कही जा सकती है।