मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तकनीकी शिक्षा के नियामक एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग काॅलेजों व अन्य तकनीकी संस्थानों में एक समय में दो स्थानों पर एक शिक्षक द्वारा पढ़ाए जाने पर रोक लगा दी गई है। और अगर ऐसा हुआ तो संस्थानों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इस संदर्भ में सभी संस्थानों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इससे (एक समय में दो संस्थानों में पढ़ाने से) न केवल शिक्षा प्रभावित होती है, बल्कि यह अनुमोदन की शर्तों का भी उल्लंघन है। एआईसीटीई ने काॅलेज प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा कि परिषद को पता चला है कि परिषद से अनुमोदन (ईओए) मिलने के बाद तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम या पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले कुछ संस्थान ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि शिक्षक एक ही समय में, एक ही मूल संस्थान की दो शाखाओं में या अन्य संस्थान में पढ़ाते हैं। जो गलत है उन्होंने कहा कि एक समय पर किसी शिक्षक के दो जगह पढ़ाने की अनुमति नहीं है। इससे तकनीकी शिक्षा प्रभावित होती है और यह अनुदान या ईओए देते समय एआईसीटीई को प्रस्तुत किए हलफनामे का भी उल्लंघन है। परिषद ने चेताया कि ऐसा पाए जाने पर काॅलेज को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा या उसको दी गई अनुमति (ईओए) भी वापस ले ली जाएगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इस निर्णय से मेरा मानना है कि एक तो पढ़ाई में सुधार आएगा क्योंकि दो जगह पढ़ाने वाले शिक्षक अब एक ही जगह पूरा ध्यान लगाएंगे। दूसरे कुछ अन्य पढ़े लिखे और तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों को रोजी रोटी कमाने के साधन भी प्राप्त होंगे। मुझे लगता है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का यह निर्णय सराहनीय व जनहित का है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है।