मुफ्त का चंदन घिस मेरे नंदन पर नहीं चल पाएंगे अब अधिकारी
प्रदेश में निरंतर महंगी होती बिजली और उसकी चोरी रोकने में अब शायद बिजली विभाग को कुछ सफलता मिल सकती है और आम आदमी को भी यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के प्रयासों से बढ़ती महंगाई से बढ़ते आर्थिक बोझ से छुटकारा मिल सकता है। क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार नेताओं ,सरकारी अधिकारियों और सरकारी कार्यालयों के बिजली का बिल नहीं जमा करने की आदतों से परेशान हो गई है लिहाजा इसकी रोक के लिये इन लोगों के घरों में अब प्री पेड बिजली मीटर लगाये जायेंगे। विभाग ने एक लाख प्री पेड मीटर का आर्डर दे रखा है, इसकी जैसे-जैसे आपूर्ति की जाएगी, सरकारी मंत्रियों, अफसरों व सरकारी विभागों में प्री पेड मीटर लगा दिये जाएंगे।सरकारी अधिकारियों,नेताओं और सरकारी कार्यालयों पर बिजली का 11 हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है। इन लोगों से हमेशा बिजली का बिल समय पर जमा कराने का अनुरोध किया जाता रहा है लेकिन साल दर साल बकाया बढ़ता जा रहा है। सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गत मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि निर्माता कंपनी को एक लाख मीटर का आर्डर दिया जा चुका है। आपूर्ति शुरू होते ही इसे लगाने का काम भी शुरू कर दिया जायेगा। बड़े बकायेदारों को किश्त में भी भुगतान करने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा उच्च वर्ग के लोगों से भी प्री पेड मीटर लगाने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में नेता व सरकारी अधिकारियों का रिकार्ड भी बिजली का बिल भरने में बेहतर नहीं है। अब उन्हें भी बिजली बिल जमा करने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 75 जिलों में से 68 में बिजली पुलिस थाने बनाये जा रहे हैं जो बिजली चोरी रोकने का काम करेंगे। बिजली चोरों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये जायेंगे। इसके लिये 2050 पद स्वीकृत किये गये हैं जिसका खर्च बिजली विभाग वहन करेगा। हर थाने में एक इंस्पेक्टर,पांच दरोगा,दो हेड कांस्टेबल और नौ सिपाही होंगे।
उल्लेखनीय है कि अकेले सूबे की राजधानी में ही बिजली महकमे का सरकारी विभागों पर 61 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें पुलिस, शिक्षा और स्वास्य विभाग सबसे बड़े बकायेदारों में हैं। अकेले ट्रांसगोमती में पुलिस पर 8.66 करोड़ बकाया शामिल हैं। तो सिस गोमती क्षेत्र में सरकारी विभागों पर 47 करोड़ का बकाया, इनमें निजी व सरकारी विभाग बड़े बकायेदार हैं। अलबत्ता इन सभी विभागों को बिजली के बकाये के लिए नोटिसें भी जारी की गयी हैं, लेकिन अभी तक डिस्कनेक्शन नहीं हो सके हैं। अब जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सरकारी बिजली बकायेदारों पर कड़ा रुख अपनाया है और बिल न जमा होने पर कनेक्शन काटकर प्री प्रेड मीटर लगाने की हिदायत आला अफसरों को दे रखी है तो इसका असर भी जल्द दिखेगा। वैसे व्यक्तिगत बकाये की वसूली पर भी सरकार ने ठोस शुरुआत कर दी है और ऊर्जा मंत्री खुद अपने घर प्री पेड कनेक्शन लेकर इसकी पहल करेंगे।
बताते चलें कि अभी तक कुछ सरकारी अधिकारी ग्रामीण कहावत मुफ्त का चंदन घिस मेरे नंदन की भांति अपने सरकारी निवासों में एक दो किलोवाट पर पांच-पांच किलोवाट की बिजली फूंकते थे और मान्य ना होने के बावजूद कई-कई एसी चलाते थे। अफसर हो या ना हो अधिकारियों के दफ्तर और निवासों पर पंखे, कूलर, एसी और बिजली बिना मतलब के भी जलती रहती थी। लेकिन अब प्रीपेड मीटर लगने से बिल देना पड़ेगा जिससे इनमें फालतू बिजली की होने वाली खपत रूकेगी और विभाग को प्रदेश में करोड़ों रूपये प्राप्त होंगे जो आम आदमी पर बढ़ती महंगी बिजली की मार से उसे छुटकारा दिलाएंगे।