नई दिल्ली। सोने पर आयात शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसद तक किए जाने से घरेलू बाजार में इसके दाम में लगभग 16 फीसद तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे सोने की तस्करी को बढ़ावा मिलने की आशंका है। हालांकि सरकार ने कहा है कि शुल्क बढ़ाते वक्त तस्करी के पहलू पर भी गहन विचार किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने शुक्रवार को पेश आम बजट में सोने एवं अन्य बहुमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 15.5 फीसद से लेकर 16 फीसद तक बढ़ोतरी होने की आशंका है। वित्त मंत्री के इस फैसले से इस बहुमूल्य धातु के गैर कानूनी कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और लोग तस्करी के जरिए देश में सोना लाने लगेंगे।उधर वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि आम बजट में सोने एवं अन्य महंगी धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय पूरी तरह सोच-समझकर किया गया है। इसे बढ़ाते समय सोने की तस्करी के जोखिम का भी आकलन किया गया है।रत्न एवं आभूषण उद्योग ने शुल्क बढ़ाने के निर्णय पर निराशा जताई है। उद्योग संगठनों का कहना है कि इससे उद्योग प्रभावित होगा और गैर-कानूनी कारोबार बढ़ने का भी जोखिम है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन एन. अनंत पद्मनाभन ने कहा कि आयात शुल्क और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) बढ़ने से सोने के दाम 15.5 प्रतिशत तक बढें़गे। इससे सोने का गैर-कानूनी कारोबार 30 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है।विश्व स्वर्ण परिषद के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी.आर. ने कहा कि सोने का गैर-कानूनी कारोबार बढ़ेगा और नकद लेनदेन कम करने के सरकार के प्रयासों की सफलता पर असर पड़ेगा। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल का कहना है कि इस वजह से स्थानीय कारोबारियों को अपना कारोबार पड़ोसी देशों में ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा।