नई दिल्ली/इस्लामाबाद : आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ रहे Pakistan को जल्द खुशखबरी मिलने वाली है. खुशखबरी भी छोटी-मोटी नहीं, बल्कि बहुत बड़ी है, क्योंकि इससे उसकी खस्ता आर्थिक स्थिति पटरी पर आ सकती है. दरअसल, सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान के पहले दौरे पर जाने वाले हैं और इस दौरान वे पाकिस्तान केे साथ 10 Billion dollar से ज्यादा यानि करीब 7,09,15,00,00,000 रुपये के तीन बड़े एमओयू पर Sign कर सकते हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के न्योते पर प्रिंस सलमान संभवत: 16 फरवरी को पाकिस्तान आ सकते हैं, जोकि यहां उनका पहला दौरा होगा. इस दौरे में वह तीन बड़े दोनों मुल्कों की सरकारों के बीच तीन बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. यह जानकारी Board of investment (BoI) के चेयरमैन हारुन शरीफ ने दी. यह समझौते ऑयल रिफाइनिंग, लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) और मिनरल डेवलमपेंट के क्षेत्र में होंगे.
इन समझौतों के अलावा पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच कई व्यापारिक समझौते भी हो सकते हैं, क्योंकि सऊदी के 40 टॉप बिजनेसमैन एक समूह भी प्रिंस के साथ पाकिस्तान आ रहा है. यह प्रतिनिधिमंडल स्थानीय व्यापारियों से मुलाकात भी करेगा. उम्मीद है कि यात्रा के दौरान कुछ अन्य निजी स्तर के समझौते भी हो सकते हैं.
तेल रिफाइनरी के बारे में बात करते हुए शरीफ ने बताया कि ‘सऊदी अरब 8 Billion dollar की लागत से ग्वादर में तेल रिफाइनरी भी लगाएगा. विदेशी निवेश के इतर वह स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. यदि वे (सउदी) Refinery के साथ एक Petrochemical परिसर भी स्थापित करते हैं, तो इसके लिए अरबों डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी’.
BoI प्रमुख ने कहा कि सऊदी सरकार ग्वादर में एक तेल रिफाइनरी स्थापित करने के लिए उत्सुक थी और उसने इस संबंध में व्यवहार्यता Report तैयार करने का आग्रह किया था.
सऊदी अरब के ग्वादर में निवेश से चीन की प्रतिक्रिया को लेकर शरीफ ने कहा कि चीन को वहां तेल रिफाइनरी लगाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने बताया कि “वास्तव में जिस क्षेत्र में सउदी रिफाइनरी स्थापित करेगा, वह एक अध्ययन के बाद तय की जाएगी. हालांकि यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से बहुत दूर होगा.