नई दिल्ली : भारत ने साल 2018 में अंतरिक्ष क्षेत्र में विशेष कीर्तिमान स्थापित किए हैं. इनमें से एक है गगनयान अभियान की घोषणा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पांच महीने पहले परियोजना की घोषणा की थी और मंत्रिमंडल ने 9,023 Crore की इस परियोजना को मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा था कि यह परियोजना 2022 तक अमल में आएगी. इसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली गई है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 December को गगनयान परियोजना को मंजूरी दे दी जिसके तहत 3 सदस्यीय दल को कम से कम सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया था, ‘इस Mission के तहत पृथ्वी की निचली कक्षा में तीन सदस्यीय दल को कम से कम सात दिनों के लिए भेजा जाएगा.’
इस Mission के पूरा होने पर रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत इंसान को अंतरिक्ष में भेजेगा. परियोजना पर पिछले कुछ समय से काम चल रहा था. भारत ने मिशन में सहायता के लिए रूस और फ्रांस के साथ पहले ही समझौता कर रखा है.
एक सरकारी बयान के मुताबिक स्वीकृति की Date से 40 महीनों के अंदर पहली मानव चालित अंतरिक्ष उड़ान के प्रदर्शन का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा. इसके पहले दो मानव रहित उड़ान भेजी जाएंगी जिससे प्रौद्योगिकी तथा मिशन प्रबंधन पहलुओं में विश्वास बढ़ाया जा सके.
मानव चलित अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए अधिकांश जरूरी आधारभूत प्रौद्योगिकी का विकास और प्रदर्शन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कर चुका है. बयान में कहा गया है ‘गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल धन की आवश्यकता 10,000 करोड़ रुपये के भीतर है और इसमें प्रौद्योगिकी विकास लागत, विमान हार्डवेयर प्राप्ति तथा आवश्यक ढांचागत तत्व शामिल हैं. दो मानवरहित उड़ान तथा एक मानवचालित उड़ान गगनयान कार्यक्रम का हिस्सा होंगी.’
इसमें कहा गया कि गगनयान कार्यक्रम इसरो तथा शिक्षा जगत, उद्योग, राष्ट्रीय एजेंसियों तथा अन्य वैज्ञानिक संगठनों के बीच सहयोग के लिए व्यापक ढांचा तैयार करेगा. बयान के मुताबिक इससे रोजगार सृजन होगा और Advance Technology में मानव संसाधानों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
इसरो के चेयरमैन के अनुसार तीनों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में करीब सात दिनों तक रहेंगे. इसके बाद चालक दल तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गगनयान के जरिये अरब सागर, बंगाल की खाड़ी या जमीन के किसी हिस्से पर उतर सकता है. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ से छह महीने पहले ही हासिल कर ली जाएगी.