उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ कानून व्यवस्था में सुधार और अपराधियों की धरपकड़ उन्हे जेल भिजवाने के लिये आये दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग ओर लखनउ में पुलिस के आला अफसरों को बुलाकर स्पष्ट निर्देश दे रहे हैं लेकिन कानून व्यवस्था है कि सुधरने के बजाए दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। और ऐसा विपक्षी दल कांग्रेस, सपा, बसपा रालोद नहीं बल्कि केंद्र व प्रदेश में सत्ताधारी दल के सहयोगी पार्टियों के नेता भी इस विषय को लेकर यूपी सरकार को घेरने की तैयारी में है।
बीते दिनों प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा कानपुर में इस ओर इशारा किया गया था तो समय असमय ऐसे ही बिंदुओं को लेकर भाजपा के और नेता भी सीधे सीधे या घूमा फिराकर बोलते रहे।
मगर अब तो स्थिति बिल्कुल ही बिगड़ती लग रही है क्योंकि भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार में भागीदार अपना दल (एस) के तेवर तल्ख हो चले हैं। पार्टी संरक्षक व केंद्र में राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर नाराजगी जताई। गत दिनों इलाहाबाद आईं अनुप्रिया ने पत्रकारों से कहा कि कानून-व्यवस्था में काफी सुधार की जरूरत है। हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं की निरंतर हत्या हो रही है, लेकिन हत्यारे पुलिस की पकड़ से दूर हैं। हमें सरकार से अपेक्षा है कि वह स्थिति जल्द सुधारे। ऐसा नहीं होने पर हम सात नवंबर को लखनऊ में उपवास पर बैठेंगे।
अपना दल एस की मुखिया अनुप्रिय पटेल का यह कथन सीधे सीधे योगी आदित्यनाथ सरकार को कानून व्यवस्था के मामले में कटघरे में लाकर खड़ा करने में सक्षम है। जबकि मुझे लगता है कि यूपी सरकार और उसके मुखिया इसके लिये जिम्मेदार कम या ज्यादा प्रदेश का पुलिस प्रशासन ज्यादा दोषी है। मगर पुलिस अधिकारियों से काम कराना और थानेदारों की कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाना सरकार का ही काम है। इसलिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ जी को जिस प्रकार उनके द्वारा इंजीनियरों के खिलाफ सख्त निर्णय लिया गया है उसी प्रकार कुछ भ्रष्ट और निरंकुशता के लिये पहचाने जाने वाले लेकिन अपने आप को भाजपा के निकट अनेकों प्रकार से दर्शाने में लगे रहने वाले पुलिस अधिकारियों और थानेदारो के खिलाफ सख्त भी निर्णय लेने होंगे।
– रवि कुमार विश्नोई
राष्ट्रीय अध्यक्ष – आॅल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
MD – www.tazzakhabar.com