आईजी व डीएसपी सहित आठ हुए गिरफ्तार, बचेंगे बाकी भी नहीं
हिमांचल के कोटखाई थाना क्षेत्र में जुलाई के पहले सप्ताह में घर से स्कूल गई एक नाबालिग लड़की से गैंगरेप के बाद की गई उसकी हत्या से संबंध मामले को सही प्रकार से खोलने के प्रयास न करने तथा अपनी भूमिका को संदेह के दायरे में आने से बचाने में असफल पुलिस के एक आईजी व डीएसपी समेत 8 पुुलिसकर्मियों की हुई गिरफ्तारी इस बात का सबक है कि अब हठधर्मिता और दादागिरी तथा गरीब को दबाने का प्रयास किसी का भी सफल नहीं हो सकता। बताते चले कि इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा गत 19 जुलाई को पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जिसके बाद सीबीआई ने 100 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की और इस कडी में अखबार में छपी खबर के अनुसार हिमांचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल का एक रिश्तेदार से भी पूछताछ होना बताया गया। सीबीआई की जांच की तेजी की जद में आईजी जहुर हैदर जैदी, डीएसपी मनोज कुमार जोशी सहित आठ पुलिसकर्मियों पर दोषियों को बचाने का भी आरोप लगा। यह पूरा प्रकरण इस बात दर्शाता है कि अब ताकतवर और बाहुबली डंडे या पुलिस के दम पर कुछ समय के लिये भले ही गरीब या मजदूर को दबा लें। लेकिन ज्यादा समय तक कानून के शिकंजे से बचकर नहीं रह सकतें। इसलिये पुलिस के आला अधिकारी जो पुलिस या अन्य सरकारी सेवाओं के यह सोचते हैं कि वो सरकार द्वारा दी गई ताकत के दम पर हठधर्मिता दिखाकर किसी भी मामले को दबा सकते हैं। तो उन्हे यह घटना स्पष्ट करती है कि उनकी वो सोच एक बडी भूल है। अब न्यायलय के माध्यम से हर आदमी को न्याय मिलने के रास्ते तो पहले से ही खुले हुए थें जैसे जैसे जागरूकता आ रही है। वैसे वैसे दोषियों को सजा दिलाने की सोच व वकालत दोनों ही गरीबों में बढ़ती जा रही हैं । रही सही कसर मुठमर्दाें को सजा दिलाने में सोशल मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि पुलिस या कोई किसी भी घटना को छुपाने का कितना भी प्रयास कर लें लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में उसके सुराग निकलकर आम जनता तक देर सवेर पहुंच ही जाते है और घटना का खुलासा होते ही दोषियों के दिन बुरे आने की शुरूआत होने लगती हैं । इसलिये पुलिस व नौकरशाह अपनी ताकत का किसी भी मामले में गलत प्रयोग करने से अपने मान सम्मान और प्रतिष्ठा को बचाए रखने के लिये जितना बचकर रहे उतना बचकर रहे अच्छा है, क्योंकि पकड़े गए आईजी जहूर जैदी तथा डीएसपी मनोज कुमार से चंडीगढ़ में पूछताछ की गई। तो बाकी पकड़े गए कोर्टखाई थाने के एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, हैंड कांस्टेबल मोहन लाल, कांस्टेबल रंजीत, हैड कांस्टेबल रफीक अली, कांस्टेबल सूरज सिंह को गिरफ्तार किया गया है और शीघ्र दिल्ली में इनका नर्काें टैस्ट होने की भी चर्चा है। आम आदमी को जरा जरा सी बात पर परेशान करने और उसका मानसिक उत्पीड़न करेन में अपने आप संतुष्टि समझने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को आईजी जहूर जैदी व सिपाहियों की जो फजीहत हो रही है उससे सबक लेकर परेशान करने के और अपने से संबंध जन समस्याओं के समाधान करे तो ज्यादा अच्छा है।