नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। नई दिल्ली से लखनऊ अब फर्राटे से सफर करिए। 467 किमी का इन दो राजधानियों के बीच का सफर जो पहले 10 से 12 घंटे का होता था अब आप अधिकतम 6 घंटे में तय कर सकते हैं। 21 नवंबर से आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे आम जनता के लिए शुरू हो जाएगा। यानी दिल्ली से जाने वाले पहले यमुना एक्सप्रेस वे और फिर आगरा एक्सप्रेस वे से सफर करेंगे। सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे ट्रायल रन में कामयाब रहा है। अपनी तरह के इस अनूठे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस को अब 21 नवंबर को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसी के साथ ही लखनऊ आगरा के बीच छह लेन (भविष्य में 8 लेन) की बेहतरीन रोड पर वाहन फर्राटा भर सकेंगे। मुख्यमंत्री इसे जनता को समर्पित करने से पहले खुद इसे ट्रायल करके सुनिश्चित करना चाहते थे कि कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई है। तीसरा रियल्टी चेक उन्होंने खुद गाड़ी ड्राइव कर किया।
सिर्फ 22 महीने में तैयार हुआ एक्सप्रेस वेः देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे कई मायनों में अनूठा है। यह देश का पहला एक्सप्रेस वे है जिस पर बिना किसी बाधा के भारतीय वायु सेना अपने फाइटर प्लेन की लैंडिंग व टेक आफ कर सकती है। इसके बनने में केवल 22 महीने लगे हैं। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में कहीं भी जमीन को लेकर विवाद, आंदोलन व बवाल नहीं हुआ। जबकि देश के 9 एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट जमीन के झगड़े के कारण लटके पड़े हैं। इसकी वजह है कि जमीन अधिग्रहण करने के बजाए उनकी सहमति से व बाजार रेट पर मुआवजा देकर ली। कैसा है यमुना एक्सप्रेस वेः 165 किमी लंबा है यमुना एक्सप्रेस वे। 6 लेन के इस एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की स्पीड अधिकतम 100ज्ञउध्ी रखी गई है। यानी इसके बनने के बाद आगरा पहुंचने में जो समय 4 घंटे लगता था अब सिर्फ 100 मिनट में पहुंचा जा सकता है। ये एक्सप्रेस वे बनाने में दो साल का वक्त लगा था। इसकी शुरुआत 9 अगस्त 2012 को की गई थी। लखनऊ से आरंभ होकर एक्सप्रेस वे उन्नाव, हरदोई, कानपुर, कन्नौज,औरैया, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद होकर आगरा तक बना है। यहीं से यमुना एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। एक्सप्रेस-वे लखनऊ उन्नाव सीमा पर सरोसा भरोसा गांव से शुरू होकर आगरा के ग्राम एत्मादपुर मदरा पर खत्म होगा। डिवाइडर कैरिज-वे, इंटरचेंज अंडरपास, ग्रीन बेल्ट, विश्राम गृह, पेट्रोल पं एक्सप्रेस वे की लंबाई 302 किमी है। इसकी निर्माण लागत 9059 करोड़ है। इसके अलावा जमीन की लागत व दूसरे खर्चे अलग से हैं। एक्सप्रेस वे के दोनो ओर किसान मंडी व आईटी सिटी भी प्रस्तावित है।
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