जम्मू 12 फरवरी। जम्मू-कश्मीर के एलओसी के पास अखनूर सेक्टर में मंगलवार को बाड़ पर गश्त के दौरान एक संदिग्ध आईईडी विस्फोट में सेना के दो अफसर कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी और नायक मुकेश सिंह शहीद हो गए.
शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी झारखंड के हजारीबाग के रहने वाले थे. बुधवार दोपहर दो बजे तक उनका पार्थिव शरीर हजारीबाग स्थित उनके पैतृक घर पहुंचेगा. बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार गुरुवार को होगा. वहीं मुकेश सिंह का अंतिम संस्कार आज दिन में उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा.
परिजनों के मुताबिक, कैप्टन करमजीत सिंह की शिक्षा गुवाहाटी में हुई थी और उन्होंने 2023 में भारतीय सेना जॉइन की थी। कुछ ही दिन पहले, 16 जनवरी को वे एक हफ्ते की छुट्टी पर घर आए थे और परिवार में हुई शादी में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अपनी भी शादी की तैयारियां कीं। 24 जनवरी को वे फिर से ड्यूटी पर लौट गए। जम्मू-कश्मीर के अखनूर में एलओसी पर तैनात सरदार करमजीत सिंह बख्शी की 5 अप्रैल को शादी होने वाली थी. शादी तय होने के बाद वे ड्यूटी पर कश्मीर चले गए. परिजनों के मुताबिक, 29 मार्च को हजारीबाग में शादी से जुड़ी रस्में निभाई जानी थीं. इसके बाद 5 तारीख को जम्मू में ही शादी तय थी.
बुधवार दोपहर शहीद कैप्टन का शव हजारीबाग स्थित भारत माता चौक पहुंचने की उम्मीद है. शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी के पिता अजिंदर सिंह बक्शी ने अपने बेटे की शहादत पर गर्व करते हुए बताया कि करमजीत सिंह बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे.
नायक मुकेश सिंह सांबा जिले के कमीला गांव के रहने वाले थे. मुकेश सिंह की शादी 18 अप्रैल 2025 को तय थी और उनके परिवार के लोग शादी की तैयारियों में व्यस्त थे, लेकिन 11 फरवरी को दोपहर करीब 3:50 बजे जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी के पास आतंकवादियों ने सेना के गश्ती दल को आईईडी से निशाना बनाया. इस घटना में मुकेश सिंह शहीद हो गए. इस साल यह पहली घटना है कि सुरक्षा बल शहीद हुए हैं.
मुकेश सिंह अपनी शादी की तैयारियां देखने के लिए 25 फरवरी को घर आने वाले थे. उनके पिता रिटायर्ड पुलिस कर्मी हैं. परिवार के लोग अपने बेटे की शादी की तैयारियों में व्यस्त थे. इस बीच मुकेश के बारे में खबर सुनकर परिवार के सदस्य सदमे में हैं.
गांव के सरपंच ने बताया कि मुकेश की मौत की दुखद खबर से पूरा गांव गमगीन है. उन्होंने बताया कि मुकेश ने 11 साल तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी. उनके बड़े भाई इस समय सेना में हैं तथा उनके पिता सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं. मुकेश के परिवार के सदस्य शादी की तैयारियों में व्यस्त थे क्योंकि इसी साल 18 अप्रैल को उनकी शादी होने वाली थी. सरपंच ने बताया कि हमें उनकी शहादत पर गर्व है.
मुकेश के एक पड़ोसी ने बताया कि कुछ दिन पहले मुकेश उनके घर आये थे और शादी से पहले घर की सजावट के लिए टाइल्स, फर्नीचर और अन्य सामान लाये थे.