नई दिल्ली 18 दिसंबर। केंद्र सरकार ने 45 ऐसे कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने अभ्यर्थियों को भ्रामक विज्ञापनों के जरिए सब्जबाग दिखाकर उनसे ठगी की है। दोषी पाए गए 19 संस्थानों से 61 लाख 60 हजार रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला है। साथ ही छले गए अभ्यर्थियों को एक करोड़ 15 लाख रुपये वापस दिलवाए हैं। प्राधिकरण ने कोचिंग सेंटरों को भ्रामक विज्ञापन से बचने और तय नियमों के अनुपालन की चेतावनी दी है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले के राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने राज्यसभा में बताया कि यह कार्रवाई छात्रों के हित में की है। उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए नए कानून बनाए जा रहे हैं।
वस्तुत: प्राधिकरण को लगातार सूचनाएं मिल रही थीं कि कई कोचिंग सेंटर भारतीय प्रशासनिक सेवा (यूपीएससी), आईआईटी एवं अन्य प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों से असत्य दावे-वादे करते हैं। उन्हें लुभाते हैं और अपने संस्थान में नामांकन के लिए प्रेरित करते हैं। सफल अभ्यर्थियों पर दावा जताते हैं। उन्हें अपने संस्थान का बताकर दूसरे अभ्यर्थियों को नामांकन के लिए प्रेरित करते हैं।
कोचिंग सेंटरों के इसी खेल को बंद करने के लिए प्राधिकरण ने पिछले महीने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत 45 संस्थानों को नोटिस जारी कर भ्रामक विज्ञापन एवं अनुचित व्यापार बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही छले गए अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के जरिए फीस वापसी में मदद की है। यह रकम कुल एक करोड़ 15 लाख रुपये है।
इन संस्थानों पर लगा जुर्माना
प्राधिकरण ने जिन संस्थानों पर जुर्माना लगाया है, उनमें खान स्टडी ग्रुप, इकरा, चहल अकादमी, नारायण मेडिकल, एलन कैरियर इंस्टीट्यूट, आईएएस बाबा, बायजूस आईएएस, मलूका, अनएकेडमी एवं राव आईएएस आदि प्रमुख हैं।
दरअसल, उपभोक्ता हितों का ख्याल करते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) बनाई है, जो मुकदमेबाजी से पहले उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए एकल संपर्क सेंटर के रूप में काम करती है।
देश भर के उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 के जरिए 17 भाषाओं में अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। करीब एक हजार से ज्यादा कंपनियों ने एनसीएच के साथ खुद को संबद्ध किया है। उपभोक्ताओं की शिकायतों का अपनी निवारण प्रक्रिया के हिसाब से समाधान देती हैं।