प्रयागराज 16 जुलाई। अखाड़ों की आंतरिक जांच में कई संत खरे नहीं उतरे, उनकी कार्यप्रणाली सनातन धर्म व अखाड़े की रीति-नीति के विपरीत मिली है। इस पर उनके अखाड़े ने कठोर कदम उठाते हुए 13 संतों को निष्कासित कर दिया है। इसमें कुछ महामंडलेश्वर शामिल हैं। वहीं, 112 के लगभग संतों को नोटिस देकर 30 सितंबर तक जवाब देने के लिए कहा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे संतों को महाकुंभ- 2025 में प्रवेश नहीं मिलेगा।
सनातन की आस्था व समर्पण के केंद्र में 13 अखाड़े हैं। उन्हें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े अखाड़े दो-तीन वर्ष के अंतराल पर अपने महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर महंत श्रीमहंतों की कार्यप्रणाली की गोपनीय जांच करवाते हैं। इस बार अप्रैल माह से जांच शुरू की गई, जो जारी है। अब तक जूना अखाड़ा ने 54, श्री निरंजनी अखाड़ा ने 24, निर्मोही अनी अखाड़ा ने 34 संतों को नोटिस दिया है। 13 महामंडलेश्वर, 24 मंडलेश्वर सहित महंत शामिल हैं। निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष व अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी गुट) के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास ने आधा दर्जन संतों को अखाड़े से निष्कासित किया है। इसमें नासिक के महामंडलेश्वर जयनेंद्रानंद दास, चेन्नई के महामंडलेश्वर हरेंद्रानंद, अहमदाबाद के महंत राम दास, उदयपुर के महंत अवधूतानंद कोलकाता के विजयेश्वर दास शामिल हैं। श्री निरंजनी अखाड़ा ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी को निष्कासित करके उनके खिलाफ पुलिस की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
अखाड़ों के पंच परमेश्वर व पदाधिकारी सबके ऊपर नजर रखते हैं। जिन संतों की शिकायत मिलती है वहां संबंधित अखाड़े के सचिव, मंत्री, संयुक्त मंत्री स्तर के पदाधिकारी को भेजा जाता है।
आरोपित संतों की इन बिंदुओं पर हुई जांच
• संत ने धार्मिक कृत्य को बढ़ावा दिया अथवा नहीं?
• स्वयं को महिमामंडित करते हुए पाखंड तो नहीं फैला रहे ?
• आपराधिक व्यक्ति अथवा पाखंडियों से संपर्क तो नहीं है?
• धनार्जन के लिए ठेकेदारी अथवा दलाली तो नहीं कर रहे?
पंचपरमेश्वरों को मिलीं ये गड़बड़ियां
• आरोपित धार्मिक गतिविधि की जगह धनार्जन में लिप्त मिले।
• कुछ के आपराधिक लोगों से संबंध सामने आए।
• कुछ महामंडलेश्वर ने दूसरों को संन्यास दिलाकर महामंडलेश्वर बनाने के लिए पैसा लिया।
संतों की आंतरिक जांच में कई महामंडलेश्वर व संत खरे नहीं उतरे। निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी को निष्कासित करके पुलिस की कार्रवाई कराई गई है। जो गलत होगा उसके खिलाफ आगे भी कार्रवाई होगी। अखाड़े से निष्कासित लोगों को महाकुंभ में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। – श्रीमहंत रवींद्र पुरी, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व श्री निरंजनी अखाड़ा