Date: 22/12/2024, Time:

10 तकनीक…. जिनसे निकलेगा दुनिया की समस्याओं का हल

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नई दिल्ली 26 जून। दस उभरती तकनीक अगले तीन से पांच साल में जिंदगी का अहम हिस्सा बनने वाली हैं। यह तकनीक दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं का हल निकालने में सक्षम होंगी। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने उन शीर्ष 10 उभरती तकनीकों पर एक रिपोर्ट जारी कर यह जानकारी दी है।

डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट में ऐसी प्रौद्योगिकियों को शामिल किया है, जो मौजूदा प्रणालियों और तौर-तरीकों को हमेशा के लिए बदलने की क्षमता रखती हैं। रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए विश्व आर्थिक मंच के प्रबंध निदेशक और चौथी औद्योगिक क्रांति केंद्र के प्रमुख जेरेमी जुर्गेंस कहते हैं कि बेहतर विकल्प तभी बनाए जा सकते हैं, जब भविष्य को आकार देने वाले कारकों को समझा जाए। यह रिपोर्ट उन प्रौद्योगिकियों की पहचान करती है, जो समाज और अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से प्रभावित करने के लिए तैयार हैं।

वैज्ञानिक खोज के लिए एआई : रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों को बीमारियों को समझने, नई सामग्रियों को खोजने, मानव शरीर और मन को अभूतपूर्व तरीके से समझने में सक्षम बनाएगा।

प्राइवेसी एन्हांसिंग टेक्नोलॉजी : गोपनीयता बढ़ाने वाली तकनीकें (पीईटी) उपयोगकर्ता डाटा की गोपनीयता की रक्षा करेंगी। रिपोर्ट के मुताबिक पीईटी उपकरणों और विधियों का एक व्यापक समूह है, जिसका मकसद उपयोगकर्ताओं के डाटा की गोपनीयता की रक्षा करते हुए उत्पादों और कार्यक्षमता का निर्माण करने के तरीके प्रदान करना है।

रिकन्फिगरेबल इंटेलिजेंट सरफेस : पुनर्संयोज्य बुद्धिमान सतहें (आरआईएस) वह तकनीक है, जो सामान्य दीवारों और सतहों को वायरलेस संचार के लिए बुद्धिमान उपकरण में बदल देती हैं। इससे वायरलेस नेटवर्क में ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और स्मार्ट कारखानों से लेकर वाहनों के नेटवर्क तक में इसका इस्तेमाल हो पाएगा।

हाई एल्टिट्यूट प्लेटफॉर्म स्टेशन : उच्च ऊंचाई वाले प्लेटफार्म स्टेशन (एचपीएस) तकनीक से दूरदराज के क्षेत्रों में जहां मोबाइल नेटवर्क टावर नहीं लगाया जा सकता, वहां भी इस तकनीक से नेटवर्क पहुंचाया जा सकता है, जिससे दुनिया भर में 260 करोड़ लोगों के लिए डिजिटल विभाजन को पाटने में मदद मिलेगी।

इंटीग्रेटेड सेंसिंग एंड कम्युनिकेशन : एकीकृत संवेदन और संचार (आईएससी) प्रौघोगिकी से पर्यावरण निगरानी प्रणाली बनाई जा सकती है, जो स्मार्ट कृषि, पर्यावरण संरक्षण और शहरी नियोजन में मदद करेगी।

इमर्सिव टेक्नोलॉजी फॉर बिल्ट वर्ल्ड : निर्मित दुनिया के लिए इमर्सिव प्रौद्योगिकी (आईटीबीडल्यू) तकनीक कंप्यूटिंग शक्ति को वर्चुअल और संवर्धित वास्तविकता के साथ जोड़ेगी। ये बुनियादी ढांचे और दैनिक प्रणालियों में सुधार की क्षमता रखती हैं।

इलास्टोकैलोरिक्स : बढ़ते हुए वैश्विक तापमान के खिलाफ इलास्टोकैलोरिक्स तकनीक व्यापक क्षेत्र के लिए शीतलन समाधान देगी। उच्च दक्षता और कम ऊर्जा उपयोग के साथ इलास्टोकैलोरिक्स यांत्रिक तनाव के तहत गर्मी को छोड़ते और अवशोषित करते हैं, ये मौजूदा प्रौद्योगिकियों के स्थान पर एक स्थायी विकल्प बनेगी।

कार्बन कैप्चरिंग माइक्रोब्स : कार्बन अवशोषण करने वाले सूक्ष्मजीव असल में ऐसे इंजीनियर्ड जीव हैं, जो कार्बन उत्सर्जन को जैव ईंधन जैसे मूल्यवान उत्पादों में परिवर्तित करते हैं। इनसे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की उम्मीद जगी है।

वैकल्पिक पशुधन आहार : यह एक नई उभरती तकनीक है, जिसमें एकल-कोशिका प्रोटीन, शैवाल और खाद्य अपशिष्ट से प्राप्त प्रोटीन युक्त आहार पशुओं को उपलब्ध कराया जाएगा, जो कृषि उद्योग के लिए एक स्थायी समाधान प्रस्तुत कर सकता है।

जीनोमिक्स प्रत्यारोपण : यह तकनीक स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है। यह तकनीक आनुवंशिक रूप से इंजीनियर्ड अंगों को मनुष्यों में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित करने में सहायता करती है, जिससे प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे लाखों लोगों को उम्मीद मिलती है।

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