asd योगी कैबिनेट में 10 अहम फैसले, पूर्व अग्निवीरों को मिलेगा पुलिस और पीएसी में 20 % आरक्षण

योगी कैबिनेट में 10 अहम फैसले, पूर्व अग्निवीरों को मिलेगा पुलिस और पीएसी में 20 % आरक्षण

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लखनऊ 03 जून। उत्तर प्रदेश सरकार ने देश सेवा कर चुके अग्निवीरों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पुलिस आरक्षी, पीएसी, आरक्षी घुड़सवार एवं फायरमैन की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। यही नहीं, इन उम्मीदवारों को आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी।

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि यह फैसला लखनऊ स्थित लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जो मंगलवार सुबह 11 बजे शुरू हुई थी। बैठक में गृह विभाग की ओर से लाया गया यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।
मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अग्निपथ योजना के तहत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व अग्निवीरों को सार्थक सेवा के बाद अवसर प्रदान करना है।

उन्होंने कहा, ‘यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है। आरक्षण सभी श्रेणियों – सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी पर लागू होगा। अगर कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से संबंधित है, तो आरक्षण एससी के भीतर लागू होगा; अगर ओबीसी है, तो ओबीसी के भीतर।’

खन्ना ने कहा कि इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अग्निवीरों को तीन साल तक की विशेष आयु छूट भी प्रदान की जाएगी।

इस संबंध में भर्ती की चार श्रेणियां हैं- कांस्टेबल पुलिस, कांस्टेबल पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन, जिनमें अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत भर्ती का पहला बैच 2026 में आएगा।

खन्ना ने कहा, ‘कई राज्यों और केंद्रीय बलों ने अग्निवीरों को आरक्षण देने के लिए पहल की है। सीआईएसएफ, बीएसएफ और हरियाणा तथा ओडिशा जैसे राज्यों ने पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की है। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अब 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है, जो एक साहसिक और उदार पहल है।’

उन्होंने कहा, ‘यह न केवल उनकी (अग्निवीरों की) सेवा को मान्यता देता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने सैन्य कार्यकाल के बाद भी देश के सुरक्षा ढांचे में योगदान देना जारी रख सकें।’

राशन की दुकानें अन्नपूर्णा भवन में बनेगी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण का प्रस्ताव भी पास किया गया, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को राशन वितरण में सुविधा होगी. इसके अलावा, “उ.प्र. डाटा सेंटर (प्रथम संशोधन) नीति-2021” के तहत निवेशक मेसर्स एसटी टेलीमीडिया ग्लोबल डाटा सेंटर्स इंडिया प्रा. लि. को दो ग्रिड लाइनों से विद्युत आपूर्ति का लाभ देने का फैसला लिया गया. यह कदम डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

विश्वविद्यालय स्थापना को मंजूरी
शिक्षा के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने अहम कदम उठाए. अयोध्या में निजी क्षेत्र के तहत महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही, गाजियाबाद में अजय कुमार गर्ग विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रायोजक संस्था को आशय-पत्र जारी करने का फैसला लिया गया. सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर के भवनों के निर्माण से संबंधित पुनरीक्षित प्रायोजना प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई.

ओडीओपी 2.0: उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने की तैयारी
एक जनपद एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कैबिनेट ने ओडीओपी 2.0 को मंजूरी दी. इस प्रस्ताव के तहत वर्तमान योजनाओं में आवश्यक सुधार और संशोधन किए जाएंगे, ताकि स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक ग्राह्य और प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके. यह कदम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद करेगा.

पर्यटकों के लिए सुविधाएं बेहतर होंगी
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘यूपी बेड एंड ब्रेकफास्ट (बी एंड बी) एवं होमस्टे नीति, 2025’ को मंजूरी दी गई. इस नीति से पर्यटकों को सस्ती और सुलभ आवास सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

अर्बन ग्रीन नीति को हरी झंडी
शहरों में हरियाली बढ़ाने के लिए अर्बन ग्रीन नीति के मसौदे को मंजूरी दी गई। यह नीति शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और हरे-भरे स्थानों के विकास को बढ़ावा देगी, जिससे नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिलेगा।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले
दो ग्रिड लाइनों से बिजली आपूर्ति का लाभ प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी. औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 और 2022 के तहत उच्च स्तरीय समितियों की सिफारिशों को मंजूरी दी गई। एमएसएमई, आईटी, उच्च शिक्षा, और नगर विकास विभागों के प्रस्तावों को भी हरी झंडी मिली। ये फैसले उत्तर प्रदेश के औद्योगिक, शैक्षिक और शहरी विकास को नई गति प्रदान करेंगे। कैबिनेट के इन फैसलों से उत्तर प्रदेश में रोजगार, पर्यटन, शिक्षा, और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा जिससे राज्य की प्रगति को नई दिशा मिलेगी।

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