13 मई 2016 को अचानक 52 साल के पिता मुकेश गुप्ता की साईलेंट अटैक से मौत हो जाने के बाद अपनी 53 वर्षीय विधवा मां की शादी कराने वाली संहिता अग्रवाल आज की तारीक में देशभर में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। बताते चले कि 25 वर्षीय संहिता अग्रवाल के द्वारा पेश की गई यह मिसाल अपने आप में ऐसे मामलों मंे एक नई मिसाल पेश की गई है। पिता की मौत के उपरांत अपनी मां गीता अग्रवाल, के डिप्रेशन में चले जाने से पेरशान संहिता अग्रवाल को जब कोई रास्ता दिखाई नहंी दिया तो उन्होंने एक ब्लाॅगिंग वेबसाइट बनाई जिसके माध्यम से अपनी मां की शादी के लिये योग्य वर की तलाश शुरू हुई और कुछ समय में सफल भी हो गई।
क्योंकि बांसवाड़ा में राजस्व अधिकारी के पद पर तैनात गोपाल गुप्ता का संदेश पाकर उन्होंने बात आगे बढ़ाई और फिर रिश्ता तय हो गया। तथा संहिता अग्रवाल अपनी विधवा माता की शादी कराकर उन्हे एक शादी के रूप में नया जीवन देने में सफल रही। मेरा मानना है कि ऐसी बेटियां और सोच सबको दे भगवान, तथा समाज क्या कहेगा इस बात को भूल अन्य बच्चे भी इस स्थिति वाले अपने मां बापों के लिये अच्छे जीवन साथी ढूंढकर उन्हे खुशियां उपराहार स्वरूप दें तो मुझे लगता है कि समाज में जो डिप्रेशन की बीमारियां साथी विहीन नागरिकों में पैदा हो रही है उनसे छुटकारा मिल जाएगा।
– रवि कुमार विश्नोई
राष्ट्रीय अध्यक्ष – आॅल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
MD – www.tazzakhabar.com